सभी माताओं, बहनों, बेटी, बहूओं को तीजा की हार्दिक बधाई : शीला टाकेश सिन्हा

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राजनांदगांव। कौन कहता है दो नावों में नहीं हो सकती सवारी यह हौसला तो हम महिलाओं में है। तभी तो मायके में बेटी बहना और ससुराल में बनकर निभाती है बहू और महतारी यह बात कहते हुए जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 के जनपद सदस्य श्रीमती शीला टाकेश सिन्हा ने सभी माताओं बहनों बेटी बहूओं को तीजा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह तीजा पारंपरिक पर्व जिसमें सभी महिलाएं कडू भात खाकर वर्ष भर मायके और ससुराल पक्ष में मिठास घोलने का काम करती है। उन सभी को ईश्वर स्वस्थ रखें प्रसन्न रखें साथ ही उनके परिजनों खुशहाल रखें।
श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि तीज पर्व हर साल भाद्रमास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। और इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं। पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के साथ कुंवारी कन्‍याएं भी अच्‍छा पति पाने के लिए करती हैं। इस व्रत को करने के बाद ही माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में मिले थे। इस दिन दिन व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्‍न होकर सुहागिनों को अखंड सौभाग्‍य का आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत को सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे खास और कठिन माना गया है। भाद्रमास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को माता पार्वती ने मिट्टी का शिवलिंग बनारक भगवान की पूजा की और कठोर तप किय था। उनकी पूजा से प्रसन्‍न होकर भगवान शिव ने उनको अपना जीवनसाथी चुना। तब से इस दिन को सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए हरतालिका तीज के रूप में मनाती हैं और निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन महिलाओं को स्‍नान के बाद नए वस्‍त्र पहनने चाहिए। उसके बाद महिलाओं को अपने हाथ पर मेंहदी रचानी चाहिए और संपूर्ण श्रृंगार करें। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं सौभाग्‍य को प्राप्‍त करती हैं और पति की आयु लंबी होती है। इस व्रत को रखने वाली कुछ महिलाएं पति अपनी सास को सुहाग का सामान भी भेंट में देती हैं। इस व्रत को करने से पति की सेहत अच्‍छी रहने के साथ ही आयु भी लंबी होती है। इस व्रत को करने वाली महिलाओं को रात में सोने की बजाए रात्रि जागरण करनी चाहिए।

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