नवाज के कार्यकाल में हुई भर्तियों को निरस्त करने पर गरमाई सियासत
मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव का
राजनांदगांव//
छत्तीसगढ़ प्रदेश कि कांग्रेस सरकार बदलने के बाद से भाजपा की सरकार बनने के बाद अनेकों घटनाक्रम में तब्दीली देखने में आई है सियासत का रंग भी अपने रंगो की तलाश में होता है। ऐसी परिस्थितियों में जहां निगम मंडलों में बदलाव होते है तो कई रुके हुए मामले की दिशा भी बदलते रहती है। राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के होते नवाज खान को प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी और यही जिले का पावर हाउस या कहे ट्रांसफार्मर,राजनीति और सत्ता को दिशा दिया करता था। कांग्रेस के हाथ से सत्ता की डोर छुटी और भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में सांय सरकार की ताजपोशी की इस बीच जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष सचिन बघेल के पक्ष में न्यायालय का फैसला आते ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की बागडोर सचिन बघेल के हाथ फिर से आ जाती है। उसी दरमियान पूर्व प्रशासक के रूप मे रहे सर्वेसर्वा नवाज खान पर गंभीर आरोपों की झड़ी शुरू होती है जिसमें लाखों का नाश्ता और वित्तीय अनियमिताओं के साथ दैनिक वेतन भोगी की भर्ती को लेकर आरोप लगाए जाते ।
दैनिक वेतन भोगी भृत्य के 53 पदों की नियुक्तिया संचालक मंडल ने किया निरस्त
दैनिक वेतन भोगी भृत्य के 53 पदों की नियुक्तियों को संचालक मंडल निरस्त कर देता ह की उक्त पदों पर की गई दैनिक वेतनभोगी (भृत्य) की अस्थाई नियुक्ति के संबंध में पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ रायपुर से अनुमति प्राप्त नही किये जाने के कारण उक्त भर्ती आदेश निरस्त किये जाने योग्य है। जिसका संचालक मंडल द्वारा सर्वसम्मति ने निर्णय लिया जाता है कि वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में भर्ती किये गये समस्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी (भृत्य) की सेवाएं समाप्त कर सेवा से पृथक किया जावे एवं भविष्य में नये सेवानियम 2023 के अनुसार व्यावसायिक सेवाएं (कार्मिक सेवा) एजेंसी (आऊट सोर्सिंग) के माध्यम से सब आर्डिनेट स्टॉफ की सेवाएं लेने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है।
निरस्त की गई नियुक्त क्यों को लेकर जब विधानसभा में प्रश्न लगा है तो कहीं ना कहीं इस मामले के पेंच पुरानी नियुक्तियों से भी जोड़े जा रहे हैं । ऐसा बताया जा रहा है की पंजीयक के यहां से भी अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी । वही नियुक्तियां के पेंच को लेकर जिला सहकारी बैंक राजनांदगांव के अधिकारियों के हाथ पांव भूपेश के सवालो से फूलने लगे हैं।
आगामी विधान सभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रश्न का 22जुलाई को मंत्री द्वारा जवाब देना है। वही भूपेश बघेल द्वारा जिला सहकारी बैंक से संबंधित एक प्रश्न लगाया गया है। जिस जिला सहकारी बैंक राजनांदगांव में कार्यरत 2011 से 2019 तक कितने दै.वे.भो. कार्य कर रहे है यह पूछा गया है। एवं उपरोक्त की पंजीयक से अनुमति की जानकारी भी मांगी गई है।विदित हो की जिला सहकारी बैंक राजनांदगांव में 2021 से 2023 के मध्य के सभी लगभग 53 दै.वे.भो कर्मचारियों को काम से यह कह कर हटा दिया गया था कि उनकी नियुक्ति की पंजीयक की अनुमति नही है तथा इसी तारतम्य में दो मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील वर्मा तथा सुधीर सोनी को निलंबित कर पूरे संचालक मण्डल पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की तलवार लटक रही है।
भूपेश बघेल के प्रश्न का उत्तर बनाने में अधिकारियों को पसीना इसलिए आ रहा है क्योकि वर्ष 2011 से 2019 तक 26 दै.वे.भो. कर्मचारीयो को काम पर लगाए गए थे। इन सभी दै.वे.भो कर्मचारियों की पंजीयक से अनुमति नही है। ये नियुक्तिया पूर्व अध्यक्ष रहे शशीकांत द्विवेदी एवं सचिन बघेल के समय किया गया है। उन नियुक्तियो के समय दिल्लीवार , एस. के. जोशी, एवं प्रभात मिश्रा मुख्य कार्यपालन आधिकरी थे। अर्थात यदी 2020-21 एवं 2022-23 में काम पर रखे गए दै.वे.भो कर्मचारियों की नियुक्ति यदी अवैध है तो 2011 से 2019 तक कार्य पर रखे गए दै.वे.भो कर्मचारियों की नियुक्ति भी अवैध मानी जाती है तो कार्यरत कर्मचारियों पर आफत खड़ी हो सकती है। 2020-21 एवं 2022-23 में लगे दै. वे.भो कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया एवं बैंक को 1 करोड की लगभग आर्थिक क्षती जांच में बताया गया तो यदि 2011 से 2019 तक के दै.वे.भो कर्मचारियों की वेतन यदि आंकलन करें तो लगभग 4 करोड से अधिक हुआ। पंजीयक से अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में भर्तियां अवैध ही माना जा सकता है।सबसे बडी बात यह है कि 2011 से 2019 तक के सभी अवैध तरीके से लगाए दै.वे.भो कर्मचारियों अवैध होते हुए भी अभी तक कार्यरत कैसे है इन विषयों को लेकर भी जॉच सामने आ सकती हैं।
पंजीयक के अनुमति के बगैर नियुक्त पुराने लोगो पर होगी कार्यवाही
. यदि इस मामले से कार्यवाही हुई तो सबसे पहले ये 26 अवैध रूप से बिना पंजीयक की अनुमति से लगाए गए कर्मी काम से बाहर होगों।इनको लगाने वाले सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी निलबिंत होगें जिसमें वर्तमान में जिला सहकारी केंन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्य. अधिकारी प्रभात मिश्रा भी होगें जो वर्तमान में राजनांदगांव में पदस्थ है।
2011 से 2019 के मध्य जिला सहकारी बैंक राजनांदगांव के संचालक मण्डल में रहे सभी अध्यक्ष तथा डायरेक्टरो पर भी अपराधिक मामला दर्ज होने की तलवार लटकेगी? क्यो की इस मुददें पर सदन में संग्राम होने की पूरी संभावना है । वही इस मामले को लेकर कांग्रेस के अधिकांश विधायकगण जोरदार आवाज बुलंद करेगें और उसका नतीजा क्या सामने आकर निकालता है यह भी गौर करने वाला मामला होगा।
