राजनांदगांव। जिले में शराब के अवैध कारोबार के लिए लगातार नए-नए हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। जिले की शराब दुकानों में कई सुपरवाईजरों और दूसरे स्टॉफ को अलग-अलग स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। अंदरुनी सूत्र बता रहे हैं कि प्लेसमेंट एजेंसी के कर्ता-धर्ता अवैध शराब के कारोबार को आगे बढ़ाने दुकानों में मौजूद लोगों की अदला-बदली कर रहे हैं। इससे पहले कुछ दुकानों से कामगारों को हटा दिए जाने का मामला भी सामने आया है। शिकायतें आ रही हैं कि स्थानीय लोकेशन ऑफिसर पूरे सेटअप में तबदीली कर अपने संरक्षण में अवैध शराब की खपत बढ़ाने की कोशिशों में हैं।
राजनांदगांव जिले में शराब का अवैध व्यापार एक बड़े रैकेट बन चुका है। वर्तमान में कोचियों को शराब की रोजाना खपत सैकड़ों पेटी है। शहर को छोड़ भी दें तो ग्रामीण इलाके की शराब दुकानों से बड़ी मात्रा में शराब निकाली जा रही है। प्लेन, मसाला और गोआ ब्रांड की शराब के साथ ही मीडियम रेंज की शराब का भी गोरखधंधा भी चलाया जा रहा है। इस अवैध कारोबार को संभालने के लिए प्लेसमेंट के जिम्मेदार ही मोर्चा संभाले हुए हैं। अलग – अलग दुकानों पर ऐसे लोगों को भेजा जा रहा है जो स्थानीय कोचियों के नेटवर्क से वाकिफ हैं और उन्हें आसानी से माल उपलब्ध करवा सकें।
जानकारी के मुताबिक, हालही में कई दुकानों से कुल 33 सेल्समेन व अन्य स्टॉफ का तबादला किया गया है। इस तबादले के पीछे के जो कारण अधिकारी बता रहे हैं असलियत उससे उलट नज़र आ रही है। आबकारी सहायक आयुक्त यदुनंदन राठौर ने कहा कि, कई दुकानों में अतिरिक्त कर्मियों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस छंटनी के बाद ही कई प्लेसमेंट कर्मियों का अलग-अलग दुकानों में स्थानांतरण किया गया है।
शराब दुकानों में तबादले या प्लेसमेंट कर्मियों की नियुक्ति के लिए प्लेसमेंट सर्विस की सूची पर सहायक आयुक्त की अनुशंसा का पत्र आबकारी के एमडी को प्रेषित किया जाता है। उनकी स्वीकृति के बाद ही यह कार्रवाई की जाती है। बहरहाल, जिले में लोकेशन ऑफिसर अवैध शराब का कारोबार आगे बढ़ाने की जुगत में लगे हुए हैं।