अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ सभी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 10 दिन विशेष अर्जित अवकाश मिलता है : फेडरेशन

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, वीरेंद्र रंगारी, शिरीष कुमार पांडे, हेमंत कुमार पांडे, पुष्पेन्द्र साहू, उत्तम डड़सेना, द्रोण साहू, श्रीमती सीमा तरार, श्रीमती यामिनी साहू, रमेश साहू, संजीव मिश्रा, श्रीमती संगीता ब्यौहरे, श्रीमती अभिषिक्ता फंदियाल, स्वाति वर्मा, सुधांसु सिंह, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, सीएल चंद्रवंशी, राजेन्द्र देवांगन एवं सीआर वर्मा ने जानकारी दिया है कि नियमों की जानकारी के अभाव में अर्जित अवकाश स्वीकृति के मामलों में कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि अर्जित अवकाश ही एक मात्र अवकाश है, जिसका पूर्ण सेवा काल में अधिकतम 240 दिनों का अवकाश नगदीकरण होता है। इसे सेवानिवृत्ति हित लाभ के रूप में देखा जाता है। यह अवकाश विश्रामावकाश विभाग के कर्मचारी (शिक्षक) को 10 दिन प्रतिवर्ष एवं अन्य कर्मचारी-अधिकारियों को 30 दिन प्रतिवर्ष की दर से उनके अवकाश खाता में जमा होता है। यह अवकाश वर्ष में दो बार अर्थात 1 जनवरी और 1 जुलाई को 15-15 दिवस के हिसाब से जमा होता है, इसका अधिकतम सीमा 300 दिन है।
उन्होंने बताया कि अनेक कार्यालयों में अवकाश नियम की सही जानकारी नहीं होने के कारण, सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे कर्मचारियों को अवकाश उपभोग करने पर अवकाश समर्पण के समय नुकसान उठाना पड़ रहा-सकता है, प्रत्येक शासकीय सेवक अपनी सेवाकाल के दौरान अर्जित अवकाश का उपभोग करता है, लेकिन सेवानिवृत्ति पर अधिकतम 240 दिनों का बचत कर नगदीकरण का लाभ ले सकता है, यदि शासकीय सेवा के दौरान अर्जित अवकाश का उपभोग नहीं करता है, तो अवकाश खाते में अर्जित अवकाश का संचय सीमा अधिकतम 300 दिन के पार हो जाता है। इस स्थिति में अर्जित अवकाश लेने पर गणना में हुई त्रुटि के कारण उसे नुकसान होता है।
उन्होंने बताया कि किसी कर्मचारी के खाते में अधिकतम अर्जित अवकाश 300 दिनों का अर्जित अवकाश है, वह इसका उपभोग करता है तो बकाया ईएल के गणना करते वक्त प्रथम छमाही अथार्त जनवरी से जून तथा जुलाई से दिसंबर की स्थिति में 15 दिवस जोड़कर विकलन करना चाहिए, उन्होंने 300 दिन बकाया ईएल के स्थिति में उदाहरण दिया कि यदि कर्मचारी 10 दिन का अवकाश लेता है तो बकाया गणना के वक्त 300 में 15 जोड़कर 10 घटाने पर 305 आयेगा, लेकिन बकाया 300 दिन रहेगा, यदि 15 दिवस का अवकाश लेता है तो गणना के वक्त 300+15+315-15=300 बकाया रहेगा, लेकिन यदि 20 दिवस का अवकाश लेता है तो गणना (300+15)-20+=295 ईएल शेष होगा, लेकिन कार्यालयों में सीधे 300 में से लिए गए अर्जित अवकाश को सीधे घटाया जा रहा है।जो कि नियमानुसार गलत है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों (ट्राइबल) में पदस्थ सभी विभागों के कर्मचारियों को 11 जनवरी 1984 से प्रतिवर्ष 10 दिनों का विशेष अर्जित अवकाश देय है। इसका एंट्री सेवा पुस्तिका में पृथक से करना है। इसका वास्तविक लाभ कर्मचारी को तब ही मिलेगा, जब विशेष अर्जित अवकाश का अलग एकाउंट हो। विशेष अर्जित अवकाश एक वर्ष मे 10 दिन मिलता है। इसका संचय एवं उपभोग अर्जित अवकाश की भांति होता है, लेकिन इसका नगदीकरण नहीं होता है। अवकाश पोर्टल में विशेष अर्जित अवकाश लेखा का उल्लेख होना था। उल्लेख नहीं होने के कारण अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ अनेक कर्मचारियों के अर्जित अवकाश लेखा में 300 दिवस से अधिक अर्जित अवकाश की प्रविष्टि सीजीस्कूल पोर्टल में परिलक्षित हो रहा है।

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