राजनांदगांव। पतियों की लंबी आयु की कामना के लिए गुरुवार को सुहागिनों ने कठिन व्रत रखकर वट सावित्री की पूजा-अर्चना की। वट सावित्री की आराधना के लिए नवविवाहित महिलाओं ने ज्यादा उत्साह नजर आया। सुबह से ही नवविवाहित महिलाएं वट वृक्ष के समीप पहुंचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। सदा-सुहागन रहने की मनोकामना लेकर वट वृक्ष में धागा बांधने की रस्म पूरी की। इससे पहले कतारबद्ध होकर सुहागिनें वट वृक्ष का फेरा लगाते नजर आई। महिलाओं का कहना है कि दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना लेकर वट वृक्ष की पूजा की। परंपरागत रूप से महिलाओं ने कठिन व्रत रखा। पति की दीर्घायु होने की कामना लेकर महिलाएं निर्जला रही। शहर के अलग-अलग इलाकों में आज विवाहित महिलाओं ने सुबह से ही वट वृक्षों का फेरा लगाते मनोकामना स्वरूप धागा बांधा। साथ ही वट सावित्री की कथा श्रवण एवं पठन किया। पूजा-अर्चना पश्चात विवाहित महिलाएं पति को भोजन कराने के बाद व्रत पूर्ण किया। आज दिनभर वट वृक्ष के नीचे बड़ी संख्या में विवाहित महिलाओं की उपस्थिति बनी रही। इससे पूर्व पर्व को लेकर बाजार में पूजा-सामग्रियों के लिए दुकानें सजी रही, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं खरीदी करने पहुंचती रही। इधर शनि अमावश्या शनि जयंती पर्व पर भी आज सुबह से शनि मंदिरों में भगवान शनिदेव की विशेष पूजा की गई। पर्व के चलते आज सुबह से ही लोग दान-पुण्य करते नजर आए।
अधिवक्ता हेमलता पांडे ने बताया कि वो यह व्रत पिछले 10 सालों से रखते हुए आ रही है। उन्होंने बताया कि वट सावित्री व्रत के दिन माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से छीनकर वापस लाए थे, तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति के प्राणों की रक्षा और लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती हैं। वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष का विशेष महत्व है।