मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों का कारनामा, मृत्यु सैय्या में रिफर आये मरीज को दिया नया जीवनदान

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राजनांदगांव। शासकीय मेडिकल कॉलेज में 5 दिन पहले जिला अस्पताल बालोद से गम्भीर अवस्था मे रिफर आया रोशन सोनकर उम्र 35 वर्ष जिसके बचने की कोई उम्मीद नही थी, मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. प्रदीप बैक के मार्गदर्शन में मरीज का इलाज आरम्भ किया। जब मरीज मेडिकल कॉलेज रिफर से आया, तब मरीज की स्थिति को देखते हुए, मरीज को सीधे वेंटिलेटर पर डाल दिया गया। क्योकि मरीज रोशन सोनकर किडनी का पेसेन्ट है,उसके सर पर खून का थक्का जमा हुआ था,जिसकी वजह से तत्काल डायलिसिस करना मुश्किल था, जब मरीज भर्ती हुआ उस समय उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, सेचुरेशन मात्र 30% था, और हाथ-पैर ठंडे पड़ गए थे। ऑक्सीजन की कमी की वजह से बेहोशी की हालत में था, मरीज को वेंटिलेटर में रखकर एचडी कैथलेटर डालकर बिना खून पतला करने की दवा चालू किये डायलिसिस किया गया, और खून चढ़ाया गया। दो डायलिसिस के बाद मरीज की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया, अब मरीज रोशन सोनकर को वेंटिलेटर से बाहार निकाला गया। कई प्रकार की बीमारियों के ग्रसित मरीज को पूरी तरह ठीक करने और उसे नया जीवनदान देने, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. प्रदीप बैक के मार्गदर्शन में असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन डॉक्टर आशीष डुलानी की देख-रेख में डायलिसिस यूनिट के नोडल ऑफिसर डॉक्टर प्रकाश खूंटे ,डॉक्टर वंशिका टेक्नीशियन दीपांकर गणेश, मैनेजर चन्द्रप्रकाश और सिस्टर शिल्पी, क्षिप्रा का महत्पूर्ण योगदान रहा। गौरतलब है, की वेंटिलेटर पर किसी मरीज को डायलिसिस देना काफी चुनौती भरा काम रहता है, यदि मरीज को डायलिसिस नही दिया जाता, तो मरीज बच नही पाता। मेडिकल कॉलेज सह हॉस्पिटल में डायलिसिस की सुविधा होने से कई लोगों को जीवनदान मिल रहा है।

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