छुईखदान जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार पर सियासी साये का खेल

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राजनांदगांव। खैरागढ़ जिले के छुईखदान जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार का मामला अब प्रशासनिक दायरे से निकलकर राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगा है। लाखों-करोड़ों की शासकीय राशि के गबन, निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं के आरोपों में घिरे जनपद सीईओ और तकनीकी अमले को बचाने के लिए सत्ता-संरक्षित गठजोड़ सक्रिय हो चुका है।
15वें वित्त आयोग की राशि में गबन और शासकीय निधि की बंदरबांट की शिकायतों पर बनी जांच समिति ने आरोप सही पाए। दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। रिपोर्ट में तकनीकी अमले, सचिवों और विभागीय जिम्मेदारों की मिलीभगत उजागर हुई है।
सूत्रों का कहना है कि सचिव संघ के एक पदाधिकारी ने भ्रष्टाचार में घिरे सीईओ की मुलाकात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से करवाई। रात में हुई इस बैठक में जनपद के दो पदाधिकारी भी मौजूद थेए जहां मामले को ठंडे बस्ते में डालने पर चर्चा हुई।
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ज्ञापन सौंपकर जनपद सीईओ पर वित्तीय गड़बड़ी और कर्तव्यहीनता के आरोप लगाए। ज्ञापन में जिला सीईओ प्रेम कुमार पटेल पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप है।
छुईखदान सरपंच संघ ने भी नाराजगी जताते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सरपंचों का कहना है कि सीईओ के दफ्तर से नदारद रहने के कारण पंचायतों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस पर प्रशासन ने प्रकाश ताराम को नया सीईओ नियुक्त किया, जिससे सरपंचों ने संतोष व्यक्त किया।
जिला पंचायत सीईओ ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इंकार किया है। ग्रामीण विकास मंत्री पहले ही विधानसभा में स्थानीय विधायक के सवाल के जवाब में भ्रष्टाचार की पुष्टि कर चुके हैं, ऐसे में रिपोर्ट छुपाना जनभावना के विपरीत माना जा रहा है।
पंचायत विभाग के उपसंचालक गीत राम सिन्हा पर भी कार्रवाई से बचने का आरोप लगा है। वहीं सचिव संघ के नेता पर ग्राम पंचायत एनओसी के नाम पर औद्योगिक इकाई से वसूली करने के आरोप हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि प्रशासन, राजनीति और अधिकारियों की मिलीभगत का मामला है। अब वे सिर्फ कार्रवाई नहींए नतीजे चाहते हैं।

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