राजनांदगांव। स्नैपचैट पर फेक प्रोफाइल, विदेश से गिफ्ट और पाउंड भेजने का झांसा और फिर कस्टम क्लियरेंस के नाम पर ठगी ऐसे ही आंतरराष्ट्रीय सायबर ठगी के जाल को राजनांदगांव पुलिस ने दिल्ली में दबोच लिया। इस गिरोह में दो नाइजीरियन और एक दक्षिण अफ्रीकी मूल के आरोपी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस की संयुक्त टीम ने धर दबोचा है।
घटना की शुरुआत 5 मई 2025 को हुई, जब एक स्थानीय युवती से स्नैपचैट के डॉक्टर क्रेंड्रिक24 एवं कोलिंग्स लियो 25 नामक फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से संपर्क कर ठगों ने दोस्ती की और खुद को विदेशी धनाढ्य व्यक्ति बताया। उन्होंने युवती को महंगे गिफ्ट और पाउंड भेजने का झांसा दिया और फिर कस्टम विभाग द्वारा पार्सल रोके जाने की बात कहकर उससे 1,23,700 रूपये ठग लिए।
प्रार्थिया की शिकायत पर पुलिस चौकी चिचोला में अपराध क्रमांक 105/2025, धारा 318 (4), 3 (5) बीएनएस, 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा और एसडीओपी डोंगरगढ़ आशीष कुंजाम के मार्गदर्शन में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विनय पम्मार के नेतृत्व में टीम गठित की गई। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर ठगों की लोकेशन दिल्ली के जनकपुरी और उत्तम नगर में चिन्हित की गई।
टीम ने थाना डाबरी (नई दिल्ली) की मदद से तीनों आरोपियों स्टीफन उर्फ लक्की डेडन जो (आइवरी कोस्ट, दक्षिण अफ्रीका), किंग्सले (नाइजीरिया) एवं जॉर्ज चुख्ुमेका (नाइजीरिया) तीनों को 5 अगस्त 2025 को गिरफ्तार कर द्वारका कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर राजनांदगांव लाया गया। गिरफ्तारी की सूचना संबंधित दूतावासों को दी गई है।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामग्री 02 लैपटॉप, 14 एंड्रॉयड मोबाइल, 06 की-पैड मोबाइल, 05 बंद मोबाइल, 05 एटीएम कार्ड, 32 सिम कार्ड को जब्त किया है।
आरोपियों का गिरोह दिल्ली में सक्रिय था और भारतीय महिलाओं को सोशल मीडिया, मैट्रिमोनियल साइट्स और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म पर फर्जी पहचान से संपक कर ठगी करता था। वे खुद को यूके निवासी बताते हुए विदेशी गिफ्ट भेजने और पार्सल छुड़ाने के बहाने पैसे ऐंठते थे।
इस कार्रवाई से न केवल ठगी की वर्तमान घटना सुलझी, बल्कि संभावित कई अन्य ठगी के मामलों को भी समय रहते रोका जा सका।
इस कार्रवाई में सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक विनय पम्मार, चिचोला प्रभारी निरीक्षक कृष्णा पटले, उनि सुमेन्द्र खरे, आरक्षक जोगेश राठौर, अमित सोनी, हेमंत साहू, आदित्य सिंह राजपूत और महिला आरक्षक पार्वती कंवर की रही सराहनीय भूमिका।
राजनांदगांव पुलिस की यह कार्रवाई सायबर अपराध के खिलाफ एक सशक्त संदेश है कि ऑनलाइन ठगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
