हथकरघा दिवस पर परंपरा, पहचान और आत्मनिर्भरता का हुआ सम्मान

अपने दोस्तों को शेयर करें :

अंबागढ़ चौकी। नगर की साहू धर्मशाला में गुरुवार को 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। समारोह में जिला पंचायत एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में स्थानीय बुनकरों, शिल्पकारों सहित समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी देखने को मिली।
समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमती सिंह ने कहा कि हथकरघा उद्योग भारत की संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह लाखों परिवारों के जीवन-यापन का आधार है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि वोकल फॉर लोकल की भावना को मजबूत करते हुए स्थानीय हथकरघा उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए और बुनकरों को सम्मान के साथ उनकी पहचान दिलाई जाए।
श्रीमती सिंह ने समारोह स्थल पर स्थानीय शिल्पकारों द्वारा लगाई गई हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनकी उत्कृष्ट कारीगरी की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में बुनकरों के उत्थान और प्रशिक्षण हेतु योजनाओं को जिला स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा।
समारोह में अन्य वक्ताओं ने हथकरघा उद्योग की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर विचार रखते हुए स्थायी विपणन मंच, डिजिटलीकरण व वित्तीय सहयोग की मांग की। सभी ने एक स्वर में हथकरघा उद्योग को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर योजनाओं की जरूरत पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन स्थानीय समिति द्वारा किया गया। समापन अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह ने पारंपरिक हथकरघा उद्योग को नई ऊर्जा और दिशा देने का संकल्प दोहराया।

अपने दोस्तों को शेयर करें :