राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही रेत, सीमेंट के दामों में जबरदस्त उछाल आया है। प्रदेश की भाजपा सरकार के संरक्षण में विगत दिनों सीमेंट कंपनियों द्वारा सीमेंट के दाम में 50 रूपए प्रतिबोरी की दर से वृद्धि कर दी है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में रेत माफियाओं का गुंडाराज चल रहा है, चारों ओर लूट मची हुई है। खनिज संसाधनों को खुलेआम लूटा जा रहा है और राज्य सरकार तमाशाबीन बने हुए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के आव्हान पर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू द्वारा प्रेसवार्ता लेकर जानकारी दी।
प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में जनता को लूटने की खुली छूट है। विष्णुभोग के लिए वसूला जा रहा है 50 रूपया प्रति बोरा सीमेंट पर अतिरिक्त दाम। अचानक 260 से बढ़ाकर 310 रूपए प्रति बोरा कर दिया गया है। सीमेंट की कीमत में अचानक एक चौथाई की भारी भरकम वृद्धि भाजपा सरकार के कमीशनखोरी और मुनाफाखोरी का प्रमाण है। सीमेंट उत्पादन के लिए तमाम कच्चा माल, लाइमस्टोन हमारा, कोयला हमारा, जमीन हमारी, बिजली हमारी और हमें ही महंगे दामों पर सीमेंट खरीदने के लिए मजबूर कर रही है भाजपा सरकार। छत्तीसगढ़ सीमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, यहां हर माह लगभग 30 लाख टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन होता है, पहले केन्द्र की मोदी सरकार 28 प्रतिशत का भारी भरकम जीएसटी लगाया और अब साय सरकार के संरक्षण में कीमतों में अचानक बढ़ोत्तरी जनता के साथ अन्याय है। हर सर पर छत का वादा करके सरकार में आयी भारतीय जनता पार्टी के शासन में भवन निर्माण की सामग्रियों में लगातार बेतहाशा वृद्धि हो रही है। रेत के दाम पिछले 9 महीने में चार गुना बढ़ गए, स्टील की कीमतें दुगना हो गई है और सीमेंट के दाम में 50 रूपए प्रति बोरी की वृद्धि से गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के अपने घर के सपनों पर गहरी चोट है। पीएम आवास योजना पर भी विपरीत असर पड़ेगा।
अध्यक्ष श्री साहू ने आगे कहा कि देश और प्रदेश के विकास, इफ्रास्ट्रख्र, निर्माण में सीमेंट एक अहम घटक है, सीमेंट के दाम में वृद्धि से न केवल निजी बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट में भी निर्माण लागत बढ़ जाएगी। पुल-पुलिया, बांध, सीसी रोड, भवन निर्माण कार्य प्रभावित होंगे, रियल एस्टेट सेक्टर में भी नकारात्मक प्रभाव निश्चित है। रोजगार पैदा करने में कृषि के बाद रियलस्टेट दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है, सीमेंट की कीमत में अचानक वृद्धि से रियल एस्टेट व्यवसाय की कमर टूट जाएगी। लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जायेंगे। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय सीमेंट, स्टील, रेत के दाम नियंत्रित थे, अब भाजपा सरकार के अनुचित संरक्षण में सीमेंट कंपनियां निरंकुश हो चुकी है, जनता को लुटने का कोई अवसर डबल इंजन की सरकार नहीं छोड़ रही है। क्रू्रड ऑयल इंटरनेशनल मार्केट में आज 2014 की तुलना में लगभग आधा है, फिर भी डीजल और पेट्रोल के दाम दुगुना वसूला जा रहा है, भूखंडों के रजिस्ट्री में 30 प्रतिशत की छूट प्रदेश की भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है, बिजली का बिल दुगुना आने लगा है और अब सीमेंट की कीमतें बढ़ाकर चारों तरफ से महंगाई की मार जनता पर पड़ रही है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि सीमेंट पर 50 रूपए प्रति बोरी की भारी भरकम मूल्य वृद्धि वापस ले, और सीमेंट को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कमोडिटी की तय सूची में शामिल करें। इन मुद्दों को लेकर कल 12 सितंबर को शहर के फ्लाई ओवर महावीर चौक (इमाम चौक) पर दोपहर 11 से 3 बजे तक जिला स्तरीय एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से पीसीसी महासचिव शाहिद खान, थानेश्वर पाटिला, महेन्द्र यादव, चुम्मन साहू, मोहम्मद यहया, अमित चंद्रवंशी, हनी ग्रेवाल, ब्लॉक अध्यक्ष द्वय आसिफ अली, सूर्यकांत जैन, संजय साहू, संदीप जायसवाल तुलदास साहू उपस्थित थे।