कमाल है! डोंगरगांव जनपद पंचायत में तकनीकी सहायक बना ठेकेदार?

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डोंगरगांव। जनपद पंचायत, डोंगरगांव में पदस्थ एक तकनीकी सहायक द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुए भी नियम विरूद्ध तरीके से ठेकेदार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तकनीकी सहायक का नाम शशिकांत देवांगन है, जिसके द्वारा ग्राम पंचायत बम्हनीभाठा में तकनीकी सहायक पद पर कार्यरत होतु हुए गांव के मजदूरों का मस्टरोल भरकर सामग्री आपूर्तिकर्ता अनंत बिल्डकॉन (प्रोण् चितेन्द्र कुमार देवांगन तथा जिसका जीएसटी नंबर 22बीएचजेपीडी1380डी2जेडवाय) निवासी स्सिाली को भुगतान कराया गया है। जानकारी के अनुसार चितेन्द्र कुमार देवांगन और डोंगरगांव जनपद में तकनीकी सहायक के पद पर पदस्थ शशिकांत देवांगन दोनों भाई हैं।
सूत्रों की मानें तो शशिकांत देवांगन द्वारा डोंगरगांव जनपद में पदस्थ रहते हुए अपने कार्य क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में भी फार्म अनंत बिल्डकॉन रिसाली का देयक भुगतान कराकर ठेकेदारी कार्य किया गया है, जो जांच का विषय है। ग्राम पंचायत बम्हनीभाठा में मनरेगा योजना के तहत अमृत सरोवर में रिटर्निंग स्ट्रख्र कार्य कराया गया था, जिसमें ग्राम के मजदूरों द्वारा कार्य किया गया था, जिसका मस्टरोल क्रमांक 14267 तथा 14487 है। मस्टररोल में ग्राम के मजदूरों की 45 दिवस की उपस्थिति दर्ज की गई थी, जिसका भुगतान पिछले 10 माह से शेष है तथा जनपद पंचायत के तकनीकी सहायक शशिकांत द्वारा उक्त मस्टरोल को निरंक बताकर आज तक राशि प्रदान नहीं किया गया है। इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन एवं सांसद संतोष पाण्डेय के समक्ष भी लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है, लेकिन शिकायत की जांच आज तक नहीं हो पाई है। इस तरह अधिकारियों द्वारा तकनीकी सहायक शशिकांत को क्लीनचिट दिया जा रहा है, जिसमे मजदूरों के साथ न्याय न करते हुए दोषियों को बचाया जा रहा है, जबकि ग्राम बम्हनीभाठा के मजदूरों के द्वारा लिखित आवेदन में उक्त तकनीकी सहायक को हटाने की मांग की गई है। शशिकांत देवांगन द्वारा उच्च अधिकारियों का साथ होने तथा उनके मार्गदर्शन में ही सभी काम होना बताया जा रहा है। आवेदन देने के बाद जांच अधिकारियों का शशिकांत देवांगन को क्लीनचिट देना, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि शशिकांत और अनंत बिल्डकॉन के प्रो. चितेन्द्र देवांगन दोनों भाई हैं तथा जरुरत पड़ने पर इसके लिए आवश्यक दस्तावेज भी वो प्रस्तुत कर सकते हैं। ये सारी बातें जांच के घेरे में आती हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से इस मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।

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