राजनांदगांव। स्थानीय आरटीओ फिटनेस सेंटर में वाहन चालकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सूत्र जानकारी मिली है कि केंद्र में सरकारी दर से अधिक राशि वसूली जा रही है और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में अनावश्यक देरी हो रही है। यह स्थिति वाहन चालकों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रही है, क्योंकि फिटनेस सर्टिफिकेट की अनुपलब्धता के चलते उन्हें दंड और अन्य कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान में, यह फिटनेस सेंटर एक निजी संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिस पर सरकारी नियंत्रण और निगरानी की कमी नजर आ रही है। वाहन चालकों का कहना है कि सरकारी दर की स्पष्टता होने के बावजूद उनसे अनाधिकृत रूप से अधिक राशि वसूली जा रही है। एक वाहन चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इस अनियमितता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि वाहन चालकों को उचित दरों पर और समय पर सेवाएं मिल सकें। सरकार और संबंधित विभागों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
जब हमारी टीम वहां पहुंची तो वहां के सुपरवाइजर अपने आप को किसी अधिकारी के काम नहीं समझ रहा था उसने सरकारी रेट लिस्ट लगाने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया फिर जब हमारी टीम ने इसकी शिकायत प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा के मंत्रालय में किया तो वहां से फोनोटोनिक मैसेज प्राप्त हुआ राजनांदगांव कलेक्टर को इस विषय से अवगत कराया गया है इसकी जांच कार्यवाही की जाएगी
निचोड़
- सरकारी दर से अधिक राशि की वसूली।
- फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में देरी।
- निजी संस्था द्वारा संचालित होने के बावजूद सरकारी नियंत्रण की कमी।