राजनांदगांव। एक प्रसूता की उपचार में लापरवाही बरतने के मामले में परिजनों द्वारा की गई शिकायत की जांच के बाद प्रशासन ने चिखली स्थित संजीवनी अस्पताल को क्लीनचिट दे दी है।
डोंगरगढ़ के अछोली के रहने वाली एक महिला को प्रसूति के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था। हालत खराब होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को रायपुर रिफर कर दिया गया। वहां स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों ने प्रशासन से शिकायत की। मामला तकरीबन 9 माह पुराना है।
मिली जानकारी के मुताबिक डोंगरगढ़ की रहने वाली विद्या सागोडे को 16 अक्टूबर 2023 को प्रसव पीड़ा होने पर संजीवनी अस्पताल में दाखिल कराया गया। उसका उपचार डॉ. अभिलाषा पाणीग्राही ने की थी। सुरक्षित प्रसव के बाद महिला की सेहत बिगड़नी लगी। इसके बाद महिला को 18 अक्टूबर महिला के शरीर में काले धब्बे देखे गए। जांच के बाद महिला में संक्रमण और डीआईसी के लक्षण देखे गए। उच्च इलाज के लिए महिला को एम्बुलेंस से रायपुर रिफर किया गया। महिला के पति रितेश सांगोडे द्वारा महिला को रायपुर के विभिन्न अस्पताल में जिसमें एम्स, मेकाहारा, ममता अस्पताल, एमएमआई, नारायणा में भर्ती कर उपचार कराया गया। सभी जगह महिला को संजीवनी अस्पताल में बताई गई बीमारी की जानकारी को सही ठहराया गया। इसके बाद महिला को राजनांदगांव के एक अस्पताल में लाया गया, जहां उसकी डायलिसिस हर सप्ताह बुधवार और शनिवार को हो रही है।
संजीवनी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में किसी एक को डीआईसी पोस्ट पार्टम स्पेसिस नामक दुर्लभ बीमारी होती है। उक्त महिला को यही बीमारी थी।
इस बीच प्रशासन से शिकायत के बाद सीएमएचओ द्वारा गठित की गई टीम ने लापरवाही के आरोप को खारिज कर दिया है। प्रशासन द्वारा गठित टीम ने अपने अभिमत में डीआईसी रोग के दुष्प्रभाव का होना सच पाया है। जांच कमेटी ने गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप को भी निराधार बताया है।