दूसरे प्रदेश में नौकरी के लिए निकली युवतियों को आरपीएफ ने रेस्क्यू कर सखी सेंटर को किया सुपुर्द

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राजनांदगांव। राजनांदगांव रेल्वे स्टेशन पर शनिवार देर रात को रेल्वे पुलिस ने डेढ़ दर्जन युवतियों को एक साथ बेंगलुरु और तमिलनाडु जाने के दौरान पूछताछ के बाद रोक दिया। सभी युवतियां कवर्धा जिले के अलग-अलग क्षेत्र की हैं। आरपीएफ प्रभारी तरूणा साहू ने प्लेटफार्म नंबर 2 में एकमुश्त युवतियों को देखकर सवाल-जवाब किया। गोल-मोल जवाब से वह संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद सभी को उन्होंने ट्रेन में सवार होने से पहले अपने पास बिठा लिया। मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात लगभग 10 बजे के आसपास आरपीएफ प्रभारी तरूणा साहू स्टेशन के भ्रमण में निकली, उस दौरान उन्हें 16 से ज्यादा युवतियां प्लेटफार्म में नजर आर्इं। उन्होंने युवतियों से सवाल पूछा। इस दौरान कुछ युवतियों ने बेंगलुरु और कुछ ने तमिलनाडु जाने की जानकारी दी।
विरोधाभास स्थिति को देखकर आरपीएफ प्रभारी ने राजनंादगांव तहसीलदार को वस्तुस्थिति की जानकारी दी, इसके बाद सभी को आरपीएफ कार्यालय ले जाया गया। बताया जा रहा है कि सभी युवतियां 25 से कम उम्र की हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक-युवतियों को ट्रेन से ले जाने की तैयारी में था। आरपीएफ को आशंका है कि नौकरी के संबंध में युवतियों के पास कोई अधिकृत दस्तावेज नहीं मिले, जिससे उन्हें परिस्थितियां संदिग्ध नजर आई।
इस संबंध में आरपीएफ प्रभारी श्रीमती साहू ने बताया कि यह जांच का विषय है और युवतियों की मनोदशा और भाषा देखकर स्थिति संदिग्ध लगी। फिलहाल, आरपीएफ ने मामले को जीआरपी को सौंप दिया है। इस बीच युवतियों को सखी सेंटर भेजा गया है। पुलिस को पूरे मामले में युवतियों के साथ मौजूद युवक पर भी शंका है। आरपीएफ और जीआरपी अलग-अलग मामले की जांच कर रही हैं।

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