खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के संविदा कर्मचारियों ने 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। आंदोलन की चेतावनी 30 जुलाई को रायपुर में हुई प्रांतीय बैठक में दी गई। बैठक में प्रदेश के सभी 33 जिलों से आए जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने भाग लिया।
प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि सरकार को 15 अगस्त तक का समय दिया गया है। यदि तब तक नियमितीकरण और अन्य 10 सूत्रीय मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हुआ तो हड़ताल शुरू होगी।
इस बार कर्मचारी आपातकालीन सेवाएं भी बंद रखेंगे, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप हो सकती है।
प्रदेशभर में एनएचएम के करीब 16,000 से अधिक संविदा स्वास्थ्यकर्मी कार्यरत हैंए जो हड़ताल में शामिल होंगे।
संघ ने बताया कि पांच मांगों पर पहले ही सहमति बन चुकी है, लेकिन अब तक सरकार ने कोई अमल नहीं किया। इससे कर्मचारी बेहद नाराज हैं।
संघ की प्रमुख मांग संविदा कर्मियों का नियमितीकरण और सिविलियन दर्जा, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का तत्काल लाभ, ग्रेड पे का निर्धारण, मेडिकल अवकाश और स्थानांतरण नीति, अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन की सुविधा शामिल है।
एनएचएम के प्रदेश अध्यक्ष डा. अमित मिरी का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी में 100 दिन के भीतर नियमितीकरण की बात कही गई थी। अब डेढ़ साल बीत चुका है, न कमेटी बनी और न कोई निर्णय। अब तक 155 से ज्यादा बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं।
संघ के अनुसार, एनएचएम कर्मियों की मांगें पिछले 20 वर्षों से लंबित हैं। 10 से 17 जुलाई के बीच चरणबद्ध आंदोलन, विधानसभा घेराव और मुख्यमंत्री से ज्ञापन सौंपने जैसे कई प्रयास किए गए लेकिन नतीजा शून्य रहा।
संघ ने दो टूक कहा है कि अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो जाएंगी।
अब नजर सरकार के अगले कदम पर है। निर्णय नहीं हुआ तो 18 अगस्त से छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में हड़ताल का असर साफ दिखेगा।
