छुईखदान। जनपद पंचायत छुईखदान की सामान्य सभा की बैठक गुरुवार को भारी हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बीच संपन्न हुई। प्रारंभ से ही जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर तीखी नाराजगी जताई। सबसे बड़ा मामला 70 से 80 लाख रुपये के बिना बजट अनुमोदन खर्च को लेकर उठाए जिसे सदस्यों ने गंभीर वित्तीय गड़बड़ी करार दिया और इस पर कलेक्टर एवं राज्य शासन को पत्राचार कर राशि वसूली का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया।
बैठक की शुरुआत से पहले भाजपा अध्यक्ष, सभापति और जनपद सदस्यों की गोपनीय रणनीति बैठक पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई, जिससे सामान्य सभा की बैठक एक घंटे देरी से शुरू हुई। पूर्व में हुई सामान्य प्रशासन समिति की बैठक अधूरी जानकारी के चलते स्थगित कर दी गई थी। अब यह बैठक 23 जुलाई को पुनः बुलाई गई है।
महिला एवं बाल विकास तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों की तीन बार से अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए उनके विरुद्ध वेतनवृद्धि रोकने और कार्रवाई के लिए पत्राचार करने का प्रस्ताव पारित किया गया। सभापति ने स्पष्ट निर्देश दिया कि आगामी बैठकों में अधिकारी आवश्यक जानकारी के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
जनपद सदस्य राजू जंघेल ने बिना अनुमोदन भारी-भरकम खर्च का मुद्दा उठाया, जिसे अतिरिक्त सीईओ गोपाल गिरी ने स्वीकार किया। यह राशि वेतन, सुशासन तिहार, वाहन खर्च, चाय-नाश्ता और स्वयं एडिशनल सीईओ के नाम पर निकासी में खर्च होना बताया गया। कैशबुक तो दिखाया गया, लेकिन सदस्यों को प्रति न देने पर बैठक में हंगामा हुआ।
बैठक में जनपद के वित्तीय गड़बड़ी की जांच के लिए 3 जनपद सदस्य एवं 2 वरिष्ठ अधिकारियों की जांच समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जनपद सदस्यों ने मामले को लोकायुक्त व एसीबी के माध्यम से जांच कराने एवं हाई कोर्ट जाने की भी तैयारी की बात कही।
सभापति सुधीर गोलछा ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक दिवसीय राशन कार्ड निराकरण शिविर आयोजित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति मिली। साथ ही दनिया में सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए रिपेयरिंग कार्य का प्रस्ताव रखा गया, जिसे पीडब्ल्यूडी ने 7 दिन में पूरा करने का आश्वासन दिया।
सभापति ज्योति जंघेल ने अधिकारियों पर अधूरी जानकारी देने और सदस्यों की बातों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति रही तो वे बैठक में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने बीज वितरण, कैशबुक, पानी टंकी और पोर्टल में खर्च के आंकड़ों में अंतर को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
जनपद सदस्यों ने 26 जनवरी कार्यक्रम की वीडियोग्राफी पर 25 हजार और शपथ ग्रहण समारोह में 70 हजार रुपये के नाश्ते को लेकर भी अधिकारियों से जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
बैठक में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2025-26 ही नहीं, पिछले कार्यकाल से ही जनपद पंचायत में बजट पास किए बिना वित्तीय लेन-देन हो रहा है। जनपद सदस्य रमेश साहू ने बताया कि वे पूर्व में भी सदस्य रह चुके हैंए तब भी यही स्थिति थी। आश्चर्यजनक यह कि वार्षिक ऑडिट भी बजट बिना कैसे हो रहा है?
गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्माणाधीन पानी टंकी के धीमे काम पर नाराजगी जताते हुए पीएचई विभाग के एसडीओ को 3 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
इस बार की सामान्य सभा बैठक की 10 से 15 पृष्ठों की विस्तृत प्रोसीडिंग तैयार की गई, जिसे अब तक की सबसे बड़ी कार्यवृत्ति माना जा रहा है। बैठक देर शाम 6 बजे तक चली।
जनपद सदस्यों ने स्पष्ट किया कि यदि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला प्रदेश स्तर तक उठाया जाएगा। बैठक ने छुईखदान जनपद पंचायत में प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
