राजनांदगांव। भाजपा के चुनाव संयोजक मधुसूदन यादव, सहसंयोजक दिनेश गांधी, नीलू शर्मा, प्रदेश महामंत्री द्वय भरत वर्माए रामजी भारती वरिष्ठ नेता संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल एवं भाजपा के जिला अध्यक्ष रमेश पटेल ने अपने संयुक्त वक्तत्व में कांग्रेस की लोकतंत्र के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस के नेता चरणदास महंत के बयान पर कड़ा विरोध प्रकट करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता, परंतु कांग्रेस के नेतागण अब लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करते, इसलिए वे तोड़फोड़ और मारपीट पर विश्वास कर रहे हैं, शायद इसलिए भूपेश बघेल की नामांकन रैली में पहुंचे चरणदास महंत के बिगड़े बोल से यही लग रहा है कि कांग्रेस ने राजनांदगांव में अराजकता फैलाने के उद्देश्य से सुनियोजित तरीके से भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है।
भाजपा मीडिया सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओं ने एक स्वर में कहा कि चरणदास महंत के बयान जिसमें उन्होंने श्री मोदी का सर भूपेश बघेल फोड़ सकते हैं, कहा था जिस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए जिला भाजपा के नेताओं ने कहा कि आज विश्व पटल में भारत का स्वाभिमान बढ़ाने का कार्य देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, श्री मोदी की प्रशंसा अन्य देश के लोग भी करते हैं, यहां तक की कट्टर विरोधी देश पाकिस्तान की जनता और मीडिया जगत भी भारत की अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से श्री मोदी की नीतियों की प्रशंसा करते हैं, परंतु अपने देश के कुछ विध्नसंतोषी लोग ही अपने ही देश के प्रधानमंत्री पद की महत्ता को नहीं समझते और सर फोड़ने जैसे अनर्गल और बेतुके बयान देकर अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देते हैं। सभी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का लोकतंत्र पर कभी विश्वास नहीं रहा। 1975 में आपातकाल लगाकर 19 महीने विपक्षी नेताओं को कांग्रेस ने जेल में बंद कर लोकतंत्र की हत्या की थी, समय-समय पर विपक्षी राज्य सरकारों को भंग करना कांग्रेस का इतिहास रहा है। कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया गया, कत्ले आम किया गया, माता-बहनों की अस्मत लूटी गई और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुनियोजित तरीके से हिंदू समाज के रक्षक सिख भाइयों की हत्या की गई, केश काटे गए, अत्याचार की पराकाष्ठा को पार किया गया और विपक्ष की निर्वाचित राज्य सरकारों को भंग करना शुरू से ही कांग्रेस की फितरत रही। हिंसा द्वारा अपने विरोधियों की आवाज को दबाना बरसों पुरानी कांग्रेस की नीति रही है।
भाजपा नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कांग्रेसी यह भूल जाते हैं कि यह नया भारत है। और राजनंदगांव संस्कारधानी नगरी है यहां की जनता शांति प्रिय है चुनाव के माध्यम से हिंसा, आतंक और दबाव की राजनीति यहां नहीं चलने वाली और आने वाली 26 अप्रैल को राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा की जनता भूपेश बघेल को करारा जवाब देकर यहां से विदा करेगी।