इलेक्ट्रोरल बांड भाजपा के भ्रष्टाचार का नमूना : कुलबीर

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राजनांदगांव। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी के इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईओडब्ल्यू में दर्ज कराये गए एफआईआर को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार 20 मार्च बुधवार को शहर एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू द्वारा संयुक्त प्रेसवार्ता लेकर भाजपा सरकार की कथनी और करनी को उजागर किया।
प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा तानाशाही रवैये अपनाते हुए व्यवसायिक संस्थानों को केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से डरा-धमकाकर गलत कार्यवाही करवा कर इलेक्ट्रोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाया। इलेक्ट्रोरल बांड से संबंधित जो जानकारी सामने आई है, उससे साफ हो गया इलेक्ट्रोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है। जिन कंपनियों के माध्यम से मोदी सरकार ने घूस भी वसूला। जिन कंपनियों ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया, उनको हजारों-करोड़ रूपए के ठेके दिये गये। जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया, उनके खिलाफ मनीलांड्रिंग की कार्यवाही मोदी सरकार ने रोकवा दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू के द्वारा लिखी गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। ईडी की जांच और ईओडब्ल्यू के एफआईआर में राजनैतिक षड्यंत्र दिख रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई। ईडी की सारी कार्यवाहियों की टाइमिंग भाजपा के राजनैतिक लाभ पहंुचाने वाली ही क्यों होती है।
केन्द्र सरकार महादेव ऐपर पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही। पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किये गये एफआईआर का आधार क्या है। जिस असीम दास से ईडी ने रूपये बरामद किया था, उसके पास रूपये कहां से आया, ईडी ने उसकी जांच क्यों नहीं किया। असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी ईओडब्ल्यू ने उन दोनों का नाम एफआईआर में क्यों दर्ज नहीं किया। शुभम सोनी की वीडियो बाईट भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध है। ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया। सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है, उन दोनों में पूछताछ क्यों नहीं की गई। शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार कर के दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है। ईडी ने ईओडब्ल्यू को इस मामले जो पत्र लिखा था उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है। ईओडब्ल्यू ने उन अधिकारियों के नाम एफआईआर में क्यों छोड़ा। असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रूपये जप्त हुये थे, उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के है। उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया है। शुभम सोनी के जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों किया गया गया। असीम दास के तथा कथित बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया, उस बयान का असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया तथा कहा कि यह बयान ईडी के दबाव में दिया था। उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया, उसी असीम दास के साथ संबंधों के आधार पर भाजपा नेताओं से पूछताछ भी नहीं किया गया यह ईडी के षडयंत्रों को बताने के लिये पर्याप्त है। प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से संभागीय प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिन्टू, महापौर हेमा देशमुख, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद यहया, महामंत्री अमित चंद्रवंशी, जिपं सदस्य महेन्द्र यादव, अजय मारकंडे, उत्तर ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अली उपस्थित रहे।

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