नारी हमेशा सम्मान के अधिकारणी होती है ना कि अपमान की : आचार्य पं. युवराज पाण्डेय

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राजनांदगांव। डुमरडीहकला में कथा के पांचवे दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया गया। भागवत कथा की शुरुआत रुद्राभिषेक भागवत आरती और देवी जसगीत के साथ किया गया।
आचार्य पं युवराज पाण्डेय ने अपने पांचवे दिन की कथा में बताया कि मां जगदंबा का अवतार किस प्रकार से हुआ और आगे उन्होंने महाभारत की कथा का व्याख्यान करते हुए बताया कि किस प्रकार से देवव्रत भीष्म पितामह बने उसके बाद हस्तिनापुर के वंश वृद्धि की कथा बताते हुए काशी नरेश की प्रसंग को बड़े विस्तार से कहा। उन्होंने बताया कि कभी भी किसी प्रकार से नारी का अपमान नहीं होना चाहिए, क्योंकि नारी तो सदा, सर्वदा सम्मान की अधिकारी होती है, इसके पश्चात भगवान श्री कृष्ण और द्रौपदी प्रसंग कहते हुए धु्रव के प्रसंग को बताया कि किस प्रकार से महाराज उत्तानपाद और सुनीति के गर्व से जन्में धु्रव ने घर बार को छोड़कर जंगल में जाकर भगवान की तपस्या की और उन्होंने कहा कि किस प्रकार से भगवान को प्राप्त करने की अगर दृढ़ सकती हो तो एक बच्चा भी भगवान को प्राप्त कर सकता है, जिस प्रकार से धु्रव 11 वर्ष की आयु में ही भगवान के दर्शन को प्राप्त कर लिया था। इसी प्रकार लोगों में भगवत प्राप्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति हमेशा होनी चाहिए। आगे उन्होंने सुदर्शन चरित्र का वर्णन करते हुए अपने कथा को विराम करते हुये कथा के अंतिम में पूजा-अर्चनाकर हरि नाम कीर्तन के साथ व देवी की जसगीत के साथ किया गया, जिसमें कथा में उपस्थित श्रोताओ ने संगीत में जमकर झूमे माता के जयकारे से कथा पंडाल गूंज उठे।
कार्यक्रम में कलयुग के महामंत्र हरे कृष्ण, हरे कृष्ण-कृष्ण-कृष्ण हरे हरे, हरे राम-हरे राम-हरे राम राम राम हरे का भजन हिंदी, छत्तीसगढ़ी, उड़िया भजन, संबलपुरी भजन, जसगीत घुमर-घुमर रण गरजे अन्य जसगीत में श्रद्धालु झूमते नजर आए।
आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के साथ पंडित कामेश पाण्डेय, पंडित, अमित शुक्ला, पंडित तरुण दुबे, पंडित चिरंजीवी, पंडित दिवाकर, पंडित नीरज पाण्डेय सहित 11 पंडित द्वारा प्रतिदिन सुबह 8 से 10 एवं शाम 6 बजे से चंडी महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है।
आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजपुत समाज उपसमिति राजनांदगांव अध्यक्ष लोकेन्द्र भुवाल, उपाध्यक्ष नरोत्तम सिंह अन्य सामाजिक एवं क्षेत्रीय जनपद सदस्य सभापति ओमप्रकाश साहू, सरपंच संघ अध्यक्ष नोमेश वर्मा, पदुमतरा सरपंच ललिता मोहन साहू, डुमरडीहकला सरपंच जजमान दिनेश-सुनीता ठाकुर, मोहन बाफना, दीनू साहू, दुर्गा साहू सहित हजारो श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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