“भरेगांव से झोला एप्रोच रोड: 199 लाख की लागत से बनी सड़क एक साल में ही जर्जर”

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आखिर ठेकेदार नहीं ऐसा कौन सा मटेरियल डाला है जिससे लोक निर्माण विभाग मजबूती का बात कहते हैं….

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ की सुशासन की सरकार है जहां एक ओर सरकार द्वारा गांवों को सड़कों के माध्यम से जोडकर विकास कार्यों का गुणगान किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सड़क बनाने वाले ठेकेदारों द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग कर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जिससे ये सड़कें कुछ महिनों में ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर अपना स्वरूप खोने को मजबूर हैं। और संवेदकों द्वारा सरकारी पैसे का पूरी तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत भरेगांव से झोला में लोक निर्माण विभाग द्वारा संपर्क सड़क से गांव जिला बालोद को जोडने के लिए 2 किलोमीटर तक 1,99 लाख रुपये की लागत से डामर सड़क का निर्माण करवाकर ग्रामीणों को राहत प्रदान की। लेकिन संवेदक द्वारा सड़क निर्माण में किए गए घटिया सामग्री के उपयोग से सड़क साल में ही जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होकर अपना अस्तित्व खोती जा रही है। ताज्जुब की बात यह है कि सड़क की राजनांदगांव लोक निर्माण विभाग के द्वारा भरेगांव से झोला एप्रोच रोड निर्माण में लोक निर्माण विभाग ने बड़ा झोल कर दिया है। 2 किलोमीटर लंबी इस सड़क से गांव तो जुड़ा नहीं लेकिन अफसरों ने पौने दो करोड़ रुपए जरुर फूंक टैक्स भरने वाली भोली भाली जनता के इन रुपयों से ग्रामीणों का तो भला हुआ नहीं, लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों की

चांदी हो गई। बिना जुड़ाव की यह सड़क अब आसपास के किसानों के लिए निजी उपयोग में आ रही है। कोई घुसे न इसलिए किसानों ने मार्ग की शुरुआत में गेट भी लगा रखा है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

भरेगांव के ग्रामीण छविलाल ने बताया कि जिस सड़क को आप देख रहे हैं वह करीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर निर्माण किया गया है और जहां यह निर्माण किया गया है वहां तक यह सड़क निर्मित है उसके बाद जो लगानी जमीन है वह जमीन के बाद यह सड़क का निर्माण नहीं किया गया है या तो सोचने वाली बात थी क्या विभाग द्वारा राजनांदगांव जिला और बालोद जिला की समझ नहीं थी की किस तरीके से रोड मैप बनाया जाए भरेगांव से लेकर झोला पहुंच मार्ग का।

भरेगांव के ग्रामीण मेघनाथ ने बताया कि यह जो निर्माण किया गया है सड़क का वह सड़क पहले ही बारिश खेलने के लायक नहीं है वहाँ आप देख सकते हैं की जो पुलिया बनाए गए हैं उसमें जो लाइनिंग का कार्य किया गया है मुरम के साइड लगाकर उसमें भी पहले भी बारिश में सड़क में जगह-जगह क्रेक आना

और जगह-जगह ब्रेकअप होना सांप की तरह घूमती सड़क अब सड़क में सड़क है की सड़क में ही सड़क है यह तो ठेकेदार ही जाने और अधिकारी जाने साहब लेकिन पहले ही बार में यह जो सड़क तड़के के काम होते तो बहुत ही खराब तरीका के ठेकेदार द्वारा काम करेंगे हिसाब।

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी लोक निर्माण विभाग

भरेगांव से झोला पहुँच मार्ग को लेकर जब सहायक अभियंता कनक बघेल से बातचीत हुई दूरभाष में तो उनका कहना यह था कि यह सड़क राजनांदगांव विकासखंड से निर्माण होनी थी 2 किलोमीटर की 2 किलोमीटर लागत 199 लाख है वही चित्रकूट कंस्ट्रक्शन के द्वारा बहुत ही एक नंबर की सड़क का निर्माण किया गया है इस तरह के की किसी भी तरीके से कोई लिखित रूप से शिकायत नहीं मिली है कि यहां सड़क क्रैक है रही बात भरेगांव खरा के आगे झोला ग्राम तक सड़क न जाने की तो वह बालोद जिले के लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्माण कराया जाना है हमारा कार्य खाली राजनांदगांव विकासखंड के 2 किलोमीटर के दायरे का था।

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