राजनांदगांव। छग पाठ्य पुस्तक निगम, राजनांदगांव डिपो की 30 टन किताबें जिन्हें सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिया जाना था, उसे मिलीभगत कर कबाड़ियों को कौड़ियों के दाम बेच दिया गया, लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है। सभी जिम्मेदार अधिकारी दैनिक भोगी कर्मचारी पर दोष मढ़ रहे है, सभी अपना पल्ला झाड़ रहे है, जबकि जिम्मेदार अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो रायपुर और पुलिस अधीक्षक, राजनांदगांव को पत्र लिखकर राजनांदगांव की डिपो प्रभारी श्रीमती नीलिमा बड़गे पर प्रथामिकी दर्ज करने की मांग की है।
श्री पॉल का कहना है कि जो 30 टन किताबें बिकी वह छग पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें थी, वहीं के कर्मचारी ने बेची, इस कर्मचारी के साथ-साथ डिपो प्रभारी पर भी प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए।
शिक्षा विभाग पहले ही पल्ला झाड़ चुका है कि गोदाम डीईओ का नहीं है, गोदाम में छग पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें डंप है। इतनी भारी संख्या में सरकारी किताबें बिक गई और जिले के जिम्मेदारी अधिकारी मौन है, यह हैरत की बात है।