छत्तीसगढ़ी संगीत की दुनिया में सावन मतावय का जादू

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राजनांदगांव। मुंबई के सुप्रसिद्ध संगीतकार अर्नब चटर्जी के संगीत निर्देशन में और सुप्रसिद्ध गीतकार चम्पेश्वर गोस्वामी की कलम के जादू से सजा हुआ सावन मतावय गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर ट्रियो डिजिटल स्टूडियो से रिकॉर्ड करके एएसएन सिनेमैजिक यूनिवर्स कंपनी मुंबई में रिलीज किया गया है। इस गीत ने संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बना लिया है।
गौरतलब है कि- सावन मतावय को जहां अर्नब चटर्जी के बेहतरीन संगीत ने चार चांद लगाए हैं, वहीं चम्पेश्वर गोस्वामी की काव्यात्मक लेखनी ने इसे और भी प्रभावशाली बना दिया है। इस गीत की धुन बेहद मधुर और उत्साहवर्धक है जो श्रोताओं को मिट्टी की सौंधी खुशबू और हरियाली से भरी प्रकृति का चित्रण कराती है।
सावन मतावय की पूरी टीम के सामूहिक प्रयास और समर्पण से यह अद्भुत गीत तैयार किया गया है। गायक, संगीतकार अर्नब चटर्जी और गायिका पामेला जैन ने अपनी आवाज से इसे सजाया है, वहीं संगीतकार अर्नब चटर्जी ने सुरों की धारा बहाई है, गीत में सरगम का प्रयोग अद्भुत है। सह गायिका अयना बोस चटर्जी व शेफाली नायडू ने अपनी आवाज से इस गीत को और प्रभावशाली बनाया। की-बोर्ड पर शिवम बागची, रिदम प्रोग्रामिंग और वादन में हर्ष नासेरी, गिटार पर यश नायडू ने संगीत में जान डाली है।
ऑडियो निर्माता अयना बोस चटर्जी और नैना नासेरी और वीडियो निर्माता-निर्देशक आशीष नायडू के योगदान ने इसे संपूर्ण रूप दिया है। ध्वनि इंजीनियर तपन देवांगजी ने इसे उच्च गुणवत्ता में प्रस्तुत किया है। सावन मतावय की पूरी टीम की मेहनत से सावन मतावय साकार हो सका है, जो हर मौसम में सावन को याद दिलाएगा।
सावन मतावय झूमते पेड़ों, बरसती बारिश और प्रेम के भावों को संगीत में पिरोया गया है। गीत की मधुर धुन और लोक भाषा में रचा-बसा इसका सरल शब्दांकन इसे जन-जन का प्रिय बनाता है, जो सुनने वालों के मन को सुकून और आनंद से भर देता है, यह गीत व्यूज से परे अपना अलग ही व्यूज रखता है, जहां एक तरफ लोग व्यूज के पीछे भागते हैं, वहीं यह गीत मिल का पत्थर साबित होगा।

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