बच्चों के प्रति अधीक्षकों का व्यवहार अभिभावकों की तरह होना चाहिए : कलेक्टर

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राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक ली। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने जर्जर छात्रावास भवनों की जानकारी ली। उन्होंने मरम्मत योग्य छात्रावास भवनों को शीघ्र मरम्मत करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन छात्रावास भवनों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नये भवन बनने से बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण एवं सुविधाएं मिलेगी। उन्होंने निर्माणाधीन छात्रावास भवनों में अभी से वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास राजनांदगांव में पानी टपकने के कारण अन्य हॉस्टल में किचन को शीघ्र शिफ्ट करने के निर्देश हॉस्टल अधीक्षक को दिए।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों के प्रति अधीक्षकों का व्यवहार अभिभावकों की तरह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पालक अपने बच्चों को आश्रम-छात्रावासों में अच्छी शिक्षा के लिए भेजते हैं। बच्चे सबसे ज्यादा समय आश्रम-छात्रावास में रहते हैं। अधीक्षकों पर बच्चों के देख-भाल की बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्होंने बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करने के साथ-साथ उन्हें अच्छी शिक्षा और कैरियर मार्गदर्शन देने कहा। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों में पढ़ाई के अलावा खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए बच्चों को खेलना-कूदना बहुत जरूरी है। इसके लिए आश्रम-छात्रावास परिसर या आस-पास मैदान बनाने कहा। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों में किचन गार्डन विकसित करने कहा। उन्होंने सभी छात्रावासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के साथ अधिक से अधिक पौधरोपण करने कहा। जिससे भूजल स्तर बना रहेगा। उन्होंने बच्चों को पानी के महत्व और जल संरक्षण एवं पौधरोपण के संबंध में जानकारी देने के लिए कहा। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बच्चों का समय-समय में स्वास्थ्य परीक्षण होते रहना चाहिए। उन्होंने सभी बच्चों का सिकल सेल की जांच अवश्य कराने कहा। उन्होंने कहा कि सभी छात्रावासों में रसोई घर साफ-सुथरा होना चाहिए। खाने वाली वस्तुओं को सफाई के साथ रखने के लिए कहा, जिससे बीमारियों से बचा जा सके। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों में नियमित निगरानी समिति की बैठक आयोजित करने कहा। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर अमीय श्रीवास्तव, सहायक संचालक आदिवासी विकास दीक्षा गुप्ता एवं आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक उपस्थित थे।

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