कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र का सम्मान नहीं है : शिवरतन शर्मा

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राजनांदगांव। कांग्रेस द्वारा देश में 1975 में लगाए गए आपातकाल के षड्यंत्र को जन-जन तक पहुंचाने हेतु प्रदेश भाजपा के आह्वान पर प्रत्येक जिलों में आपातकाल स्मृति दिवस के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस परिपेक्ष में जिला भाजपा अध्यक्ष रमेश पटेल ने बताया कि आज दोपहर को जिला भाजपा कार्यालय में आहुत विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में शिवरतन शर्मा ने अपने उद्गगार व्यक्त किए।
भाजपा मीडिया सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भाटापारा के पूर्व विधायक एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा सत्ता बरकरार रखने के लिए संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है। 1975 में इंदिरा गांधी ने हमारे लोकतंत्र की हत्या में मर्यादा की सारी हर पर कर दी थी। 1971 के चुनाव में एक और जहां चुनावी हिंसा के माध्यम से मतदाताओं को डराया गया, वहीं दूसरी ओर मीडिया का गला घोटकर जनता को झूठ फैलाकर खौफ पैदा करने का षड्यंत्र किया गया। शिव रतन शर्मा ने कहा कि आज 49 वर्षों के बाद हम आपातकाल को इसलिए याद कर रहे हैं, क्योंकि आज भी कांग्रेस की नीति में संविधान और उसके सिद्धांतों के प्रति सम्मान की कमी है, इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए कि देश के हित में कांग्रेस ना कभी पहले थी, ना आज है और ना कभी रहेगी।
श्री शर्मा ने कांग्रेस के इतिहास के 21 माह पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी के भ्रष्ट प्रयासों के आधार पर चुनाव परिणाम को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था, प्रतिउत्तर में 25 जून 1975 की आधी रात में मंत्रिपरिषद को सूचित किए बिना राष्ट्रपति को आपातकाल की घोषणा पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, जेपी नारायण जैसे विपक्षी नेताओं को तुरंत जेल में डाल दिया गया, कुल मिलाकर 14 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 22 लोगों की हिरासत में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ताशकंद में शास्त्री जी की मृत्यु के बाद गुलजारीलाल नंदा के बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी, सब कांग्रेस के इतिहास में पहली बार संसदीय दल में मतदान हुआ और इंदिरा गांधी को चुना गया। 67 में जब देश में चुनाव हुआ तो कांग्रेस को बहुमत कब मिला था। साथ ही इंदिरा गांधी को वरिष्ठ नेताओं की चुनौतियां भी थी, जब 71 में भारत-पाक युद्ध हुआ, तो विपक्ष में जनसंघ की प्रमुख भूमिका में अटल बिहारी वाजपेई ने कहा कि पूरा विपक्ष संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ खड़ा है, और सारे द्वेष मिटाकर, जनसंघ के नेता भारत के स्वाभिमान को बचाने में लग गए। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी ने गुजरात की चिमन भाई सरकार को बर्खास्त किया बाद में छात्र संघ के आंदोलन के कारण बिहार की गफ्फार सरकार को बर्खास्त किया।
शिवरतन शर्मा ने कार्यकर्ताओं को बताया कि काले इतिहास की पहली सुबह समाचार पत्रों के प्रकाशन को रोकने के लिए दिल्ली के सभी हिस्सों में बिजली बंद कर दी गई, इस दौरान चुनावी मामलों में राय लिखने या समाचार प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, कई पत्रकारों को सच्चाई लिखने पर मार दिया गया।
शिवरतन शर्मा ने बताया कि संपन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा झूठा प्रचार किया गया और डर का माहौल बनाया गया कि यह चुनाव आखिरी चुनाव होगा। मोदी जी आगे चुनाव नहीं होने देंगे, और यह भी दुष्प्रचार किया गया भाजपा संविधान बदल देगी, परंतु संविधान को बदलने का कार्य आपातकाल में कांग्रेस ने किया था। मीसा हिरासत मामले में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को लागू करने में अदालत को रोकने के लिए मीसा में संशोधन किया गया। संसदीय कार्यवाही प्रशासन का संरक्षण अधिनियम और प्रेस परिषद अधिनियम को निरस्त कर दिया गया। मीडिया को सरकार के खिलाफ लिखने से रोकने के लिए आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशन रोकथाम अधिनियम बनाया गया। 40 व वह 41वां संविधान संशोधन इस दौरान किया गया, जिसमें राज्य विधानसभा में कोरम की आवश्यकता को समाप्त की कर दिया गया। एक अकेला सांसद भी अधिनियम पास कर कर कर सकता है। प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े गए, न्यायपालिका की शक्तियों में कटौती की गई, राज्यों के अधिकारों को कमजोर किया गया।
शिवरतन शर्मा ने बताया कि 1976 में संजय गांधी ने इस अभियान की शुरुआत की, मुख्यमंत्रियों को नसबंदी के लक्ष्य सौंप गए, जबरन परिवार नियोजन का विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया गया। लोगों को पकड़ पकड़ कर जबरन नसबंदी की गई।
शिवरतन शर्मा ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि आज भी कांग्रेस सत्ता में आने के लिए असंवैधानिक और अनैतिक सिद्धांत अपनाने के लिए तैयार बैठी है। पहले तो कपोल कल्पित आंदोलन किए गए, फिर चुनाव के पूर्व राहुल गांधी द्वारा विदेश जाकर भारत के संविधान पर कड़ा प्रहार किया गया, लोकतंत्र की हत्या की गई। चुनाव के तरीकों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया गया और आज चुनाव परिणाम के बाद भी देश को जलाने के लिए विपक्ष द्वारा विभिन्न हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को सावधान करने का आह्वान शिवरतन शर्मा ने किया।
विचार गोष्ठी की शुरुआत भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा, वरिष्ठ नेता राजेंद्र गोलछा, दिनेश गांधी ने कांग्रेस द्वारा राजनीति में लाई जा रही गिरावट को बताते हुए कहा कि कांग्रेस आपातकाल की पुनरावृत्ति करने का ख्वाब देख रही है।
विचार गोष्ठी के पश्चात जिले में निवासरत मीसा बंदियों का एवं उनके परिजनों का जिला भाजपा द्वारा सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें श्रीमती अंबिका तिवारी स्वर्गीय मदन तिवारी, छाया गुप्ता स्वर्गीय काशी प्रसाद गुप्ता, इंद्रजीत सिंह भाटिया, श्रीमती बसंतलता स्वर्गीय रामकृष्ण निर्वाणी, कुलवंत सिंह कक्कड़ श्रीमती सुल्तान बेन, स्वर्गीय बच्चू भाई उदयनी, श्रीमती शारदा रानी छाबड़ा ज्ञान सिंह छाबड़ा, श्रीमती गुरचरण कौर स्वर्गीय हरमहेंद्र सिंह, प्रभाकर राव गिरधर, स्व गंगाधर चौधरी मुरलीधर चौधरी का सम्मान किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन जिला महामंत्री रविंद्र वैष्णव ने किया एवं आभार प्रदर्शन सावन वर्मा ने किया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष रमेश पटेल, सचिन बघेल, नीलू शर्मा, विनोद खांडेकर, खेदूराम साहू, सुरेंद्र सिंह बन्नोवाना, शशिकांत द्विवेदी, सावन वर्मा, राजेश श्यामकर, अशोक देवांगन, तरुण लहरवानी, अतुल रायजादा, रोहित चंद्राकर, आलोक बिंदल, नरेश बैद, पूर्णिमा साहू, किरण साहू, शिव वर्मा, रघुवीर वाधवा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
डोंगरगढ़ के अमित छाबड़ा ने अपने पिताश्री के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उनके पिताजी के रायपुर में जेल में नाखून को नोचा गया और भारी प्रताड़ना भी दी।

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