शिवनाथ नदी क्षेत्र के पैरी नदी कविराज टोलागांव, घोरदा, अर्जुनी, रातापायली, किरगी (ब) में रेत माफिया सक्रिय हुए

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राजनांदगांव। शिवनाथ नदी मे जलस्तर काफी बढ़ने से रेत तस्कर अब पैरी नदी से लेकर क्षेत्र के अलग-अलग गावों में सक्रिय हो गए है। अर्जुनी, सुखरी, कविराज टोलागांव, घोरदा, रातापायली एवं किरगी (ब) के तस्कर पैरी नदी से रेत सप्लाई कर रहे है और गांव के खाली जगह पर भारी मात्रा में रेत डंप कर रखा गया है। क्षेत्र मे रेत निकालने के लिए कही भी लीज से रेत निकासी की परमिशन नहीं मिली है। रेत माफिया की भूमिका में क्षेत्र के कुछ नामी सरपंच भी इस खेल में सक्रिय हो गए हैं। वर्तमान में पैरी नदी मे सर्वाधिक अवैध रेत की सप्लाई हो रही है, माफिया बरसात लगने के पूर्व डंप करने में जुटे है। सुबह 4 बजे से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। राजस्व एवं खनिज विभाग की अनदेखी के चलते रेत माफियाओं के हौसले काफी बुलंद है। इससे खनिज विभाग और ग्राम पंचायत को भारी नुकसान हो रहा है। क्षेत्र में कुछ सरपंच अवैध रेत उत्खनन के खेल में शामिल होकर रोज रेत की चोरी कर गांव में डंप कर रहे हैं। कुछ गावों में सरपंचो की रेत तस्करी मे संलिप्तता सामने आयी है। इससे साफ जाहिर होता है कि इस खेल में गैर राजनीति संरक्षण प्राप्त होने से अवैध रेत उत्खनन करने वाले के हौसले बुलंद हो गए हैं, इसलिए रोज सुबह से ही सरपंचों को रेत की तस्करी मे परिवहन करते देखा जा सकता है रोजाना ट्रेक्टर एंव माजदा से रेत भरकर गुजरते है। शिवनाथ पैरी नदी सुखा हो जाने से तस्करों की रेत निकाल कर ऊंचे दामों में बेचकर अपनी जेबे भर रही है। खनिज विभाग की मिली भगत से यह सब खेल खुले आम चल रहा है। महिने भर पूर्व मेढा, घोरदा, पैरी, सिंगारपुर, अर्जुनी एवं बुद्धूभरदा मे सैकड़ों ट्रिप रेत डंप करने की खबर सामने आई थी, लेकिन सिर्फ बुद्धूभरदा मे ही राजस्व विभाग की प्रशासनिक टीम ने डंप रेत की जब्ती कर खाना पूर्ति की थी। वर्तमान में पूरे क्षेत्र में नदी में अवैध रेत परिवहन से शासन को लाखों रूपये की रायल्टी का नुकसान हो रहा है। अगर खनिज एंव राजस्व विभाग के अधिकारी क्षेत्र में रात्रि से सुबह तक नदी में निगरानी करते तो क्षेत्र में सैकड़ों वाहन बिना परमिशन बिना रायटी के वाहनों को परिवहन करते पकड़ा जा सकता है, जिससे खनिज विभाग और राजस्व विभाग तथा शासन को फायदा होगा।
विकासखंड के ग्राम अर्जुनी पुल के पास तथा गिरगांव में खाली मैदान में इनके अलावा क्षेत्र में लाल ईट अवैध रूप से बनाया जा रहा है, जहां पर खनिज विभाग और शासन से बिना अनुमति के लाल ईट भट्ठे जो शासन ने पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए प्रतिबंध लगाया गया है, इनके बावजूद बिना डर भय के लाखों की संख्या में अलग-अलग जगह बनाया गया है, जिनमें जंगल के हरे-भरे पेड़ो की कटाई कर इस कार्य में लगाया जा रहा है, इनके अलावा मुर्गी खाद का भी उपयोग किया जा रहा है, जिनका बदबू पूरा गांव में फैल रहा है। एक ओर शासन द्वारा प्रदूषण से बचने के लिए फ्लाई एक्स सीमेंट का ईट लगाने की सलाह दी जा रही है।
इस संबंध में एसडीएम मनोज कुमार मरकाम ने कहा कि वर्तमान में अवैध रेत उत्खनन और रेत डंप तथा अवैध रूप से क्षेत्र में लाल ईट भट्ठे में बिना अनुमति के कार्य एवं अवैध परिवहन की शिकायत मिली है, जहां भी बिना रॉयल्टी पर्ची के अवैध रेत उत्खनन और बिना अनुमति के अवैध रूप से लाल ईट भट्ठे में कार्य किया जा रहा है, जिसमे जांच कर विधिवत कार्यवाही की जाएगी।

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