नाबालिक बहन को नसीहत देना भाई को पड़ा महंगा, बहन ने टंगिए से काट दिया भाई का गला

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राजनांदगांव। 3 मई 2024 को जरिये ग्रामीण से सूचना प्राप्त हुआ कि ग्राम अमलीडीहकला मे एक व्यक्ति का हत्या कर दिया गया है। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर मामले के गंभीरता को देखते हुये तत्काल पुलिस टीम घटना स्थल ग्राम अमलीडीहकला पहुंचे, जहां देवप्रसाद पता लेखराम वर्मा, उम्र 18 वर्ष, निवासी अमलीडीहकला का शव उसके मकान के कमरा अंदर रखे खाट में मृत अवस्था में खून से लथपथ मिला। मृतक के गले एवं गर्दन के पीछे भाग मे किसी धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाकर हत्या करना परिलक्षित होने से मौके पर ही प्रार्थी लेखराम वर्मा की रिपोर्ट पर देहाती मर्ग एवं देहाती नालसी 0/24 असल अपराध क्रमांक 150/2024 धारा 302 भादसं का अपराध कायम कर शव पंचनामा कार्यवाही कर पीएम कराया गया। मामले के गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक खैरागढ़-छुईखदान-गंड़ई त्रिलोक बंसल (भापुसे) के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती नेहा पाण्डे, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी छुईखदान लालचंद मोहले के मार्गदर्शन में छुईखदान थाना प्रभारी निरीक्षक शिवशंकर गेन्दले के नेतृत्व में थाना छुईखदान एवं साइबर सेल का संयुक्त विवेचना टीम तैयार किया गया एवं एफएसल यूनिट प्रभारी डॉ. मोहन पटेल के टीम द्वारा प्रकरण के हर पहलुओं का बारीकी से विशलेषण कर प्रकरण में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर मृतक देवप्रसाद वर्मा की छोटी बहन को संदेह के आधार पर संरक्षण मे लेकर विधि संम्मत वैज्ञानिक पद्धति से पूछताछ करने पर मृतक की छोटी बहन बताई कि घटना दिनांक 3 मई 2024 को सुबह 11 बजे के आसपास घर में अपने भाई के साथ अकेली थी। घर के अन्य सदस्य रोजी-मजदूरी करने घर से बाहर थे, तो भाई देवप्रसाद वर्मा मोबाईल में लड़कों से बात करती हो, घर का मान-सम्मान का ख्याल नहीं है, कहकर बालिका को डाट-डपटकर, मारपीट कर आइंदा मोबाईल में बात करने से मना किया। इसी बात से रूष्ट होकर बालिका मृतक के सोये हुये अवस्था में घर के कुल्हाड़ी से मृतक के गले के पास गर्दन के पीछे प्राणघातक चोट पहुंचायी, जिससे देवप्रसाद के मौके पर ही मृत्यु हो गयी और घटना को दूसरे रूप देने के नियत से रोज की तरह नहाने चली गई और घटना के समय पहने कपड़ों में लगे खून के छिटे को साफकर वापस घर आई, उसके बाद मोहल्ले में जाकर देवप्रसाद की हत्या होने की खबर आसपास के लोगों का बताई। प्रकरण मे विवेचना टीम के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में अथक लगन, मेहनत एवं प्रकरण में प्राप्त छोटे-छोटे साक्ष्यो एवं कड़ियों को मिलाकर अल्प समय में हत्या की गुत्थी सुलझाने में सफल हुये है। उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक शिवशंकर गेंदले एवं सायबर प्रभारी निरीक्षक अनिल शर्मा की टीम प्रधान आरक्षक कमलेश श्रीवास्तव, आरक्षक त्रिभुवन यदु, आरक्षक सत्यनारायण साहू तथा सउनि मुरली सिंह बघेल, महिला आरक्षक झामित ठाकुर, आरक्षक विनोद पोर्ते, आरक्षक शिशुपाल साहू, आरक्षक अख्तर मिर्झा की विशेष भूमिका रही है।

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