राजनांदगांव। देश के ज्यादातर हिस्सों में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों के लिए लू का अलर्ट जारी कर दिया गया है। गर्मी का हाल कुछ ऐसा है कि हीटस्ट्रोक के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। गर्मी में लू लगने से बेहद परेशानी होने लगती है। लू लगने पर बॉडी में डिहाइड्रेशन की परेशानी बढ़ने लगती है और बॉडी में पानी की कमी होने लगती है। इस स्थिति में पसीना आना बंद हो जाता है और बॉडी से गर्मी नहीं निकल पाती है। लू लगने पर बॉडी में कैम्प आते हैं और कमजोरी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में बेहोशी और चक्कर आ सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर प्रकाश खुंटे ने बताया कि हीटवेव की वजह से शारीरिक तनाव हो सकता है। अगर स्थिति को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इंसान की मौत भी हो सकती है। अगर आप बुखार महसूस करते हैं, सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली या भटकाव महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर खुंटे ने बताया है कि इस दौरान तेज धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। बाहर जाने से पूरी तरह से खुद को बचाना चाहिए, यदि फिर भी धूप में जाना पड़ रहा हो तो इस दौरान धूप से सिर को बचाने के लिए इसे ढक कर रखें। सिर पर ढीले और हल्के रंग के कपड़ों का इस्तेमाल करें ताकि हवा आ सके।
डॉ. खुंटे ने बताया कि लू लगने का मतलब शारीरिक तापमान का अत्यधिक बढ़ना होता है, जो कि आमतौर पर धूप में ज्यादा देर रहने या शारीरिक मेहनत करने से होता है, जिसकी वजह से शरीर अंदरुनी गर्मी को कंट्रोल करने में असक्षम हो जाता है। हीट स्ट्रोक को ही लू लगना कहते हैं, जो कि हीट इंजरी का सबसे गंभीर रूप है। इस कंडीशन में शारीरिक तापमान 40-60 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो जाता है। डॉक्टर आगे बताते हैं कि हीट स्ट्रोक पर अगर तुरंत मेडिकल सहायता ना मिले, तो ऑर्गन फेलियर, गंभीर डिहाइड्रेशन, बेहोशी या फिर मौत तक हो सकती है।
खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ठंडी शिकंजी, ओआरएस, पानी, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ का सेवन जरूर करें। ताजे फल जैसे तरबूज, खरबूजा, खीरा, पपीता, संतरा, नारियल पानी का सेवन करें। दोपहर के समय धूप और गर्म हवा तेज होती है, इस समय बेफिजूल घर से बाहर जाने से बचें, अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो अपने सर, कान, मुंह को अच्छे से ढककर बाहर निकले, ढीले एवं नरम कपड़े पहने।