पुराणिक ब्रदर्स कंसल्टेंट कंपनी की शिकायत उप मुख्यमंत्री अरूण साव से

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रायपुर। राज्य में अमृत मिशन के कार्य के लिए दिए गए टेंडरों में कांग्रेस के शासन काल में मनमाने तरीके से किए गए भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत मुख्य सचिव एवं डायरेक्टर अमृत मिशन को की गई, लेकिन शिकायत पर कार्यवाही के नाम पर केवल हिला हवाला होता रहा। अब वर्तमान बीजेपी सरकार में विभाग के मंत्री और साथ ही प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव को मय दस्तावेज शिकायत पत्र शिकायतकर्ता मनीष पनवार द्वारा सौंपा गया है, जिस पर अतिशीघ्र कार्यवाही करने की बात उप मुख्यमंत्री द्वारा कही गई है।
ज्ञात हो कि पीएमसी कार्यों हेतु पूरे राज्य के लिए टेंडर प्रक्रिया के तहत जिस एजेंसी का चयन किया जाएगा, वह अमृत मिशन के अंतर्गत चल रहे सभी कार्यों की पीएमसी के रूप में देखभाल करेगी, ऐसा अमृत मिशन के कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है, किंतु सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार कागजी सबूतों के आधार पर सुडा के अधिकारियों एवं नगरी निकाय के कुछ अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से कुछ नगरी निकायों के लिए पृथक से टेंडर की प्रक्रिया की गई, जिसमें अपने चाहते खास एजेंसी मेंसर्स पुराणिक ब्रदर्स कंसल्टेंट से मोटी रकम लेकर फायदा पहुंचाने का कार्य किया गया, जिसमें पौराणिक ब्रदर्स पीएमसी को कार्यों हेतु योग्य न होने के बावजूद करोड़ का कार्यदेश दिया गया, जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया। इतना ही नहीं जब पीएमसी के कार्यों हेतु पूरे राज्य के लिए मेंसर्स शाह टेक्निकल सर्विसेज एमटीसी का चयन टेंडर प्रक्रिया के तहत किया गया तो एसटीडी से भी सुडा के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करने हेतु समझौता किया, जिसमें कुछ नगरीय निकाय जैसे कि रायपुर, कुम्हारी, जगदलपुर, कोरबा, भिलाई-चरौदा एवं बिरगांव इत्यादि जगहों में पृथक से टेंडर किया गया जिसमें एमसीसी के इंजीनियर स्टाफ को नहीं रखने हेतु भारी भरकम राशि चार्ज की गई और उन सभी जगह पर पृथक से टेंडर करके मनमाने तरीके से मेसर्स पौराणिक ब्रदर्स को करोड़ों का कार्य सौंपा गया। इस कार्य में फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए यह सारे दस्तावेज हमारे पास मौजूद हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि किस पैमाने पर छत्तीसगढ़ में मनमाने तरीके से अमृत मिशन के कार्यों में भ्रष्टाचार किया गया है।
जानकारी मांगे जाने पर नगरी निकायों द्वारा आधे अधूरे कागज दिए जाते रहे, जबकि भिलाई चरोदा नगर निगम द्वारा सूचना हेतु पत्र लेने से भी इनकार किया गया, इससे प्रतीत होता है कि किस तरह यहां भ्रष्टाचार फल फूल रहा है। इस सारे भ्रष्टाचार की जांच हेतु विभागीय मंत्री सहित मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को भी लिखित पत्र दिया गया है, जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
अमृत मिशन कार्य के लिए मेसर्स शाह टेक्निकल कंसलटेंट का टेंडर प्रक्रिया के द्वारा चयन किया गया जो कि राज्य में अमृत मिशन के तहत चल रहे सभी कार्यों की देख-रेख के लिए नियुक्त किए गए थे, जब मेसर्स एसटीसी का चयन किया गया था तब पृथक से करोड़ों का टेंडर क्यों किया गया? तथा करोड़ों रुपए का चुना शासन को क्यों लगाया गया। राज्य द्वारा चयनित चयनित पीएमसी मेसर्स एमसीसी को अवार्ड की गई लागत में सभी कार्यों का देखभाल देख-रेख किया जाना है, किंतु सुडा के अधिकारियों एवं निगम के अधिकारियों की मिली भगत से सात आठ निकायों में अलग से टेंडर किया गया तथा सभी कार्यों को पौराणिक ब्रदर को दिया गया, जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाकर बंदरबांट किया गया। पृथक से किए गए टेंडर में पुराणिक ब्रदर्स को ही क्यों चयनित किया गया, जबकि पुराणिक ब्रदर का रजिस्ट्रेशन डी श्रेणी में आता है। अतः वह एक करोड़ से अधिक के कार्यों में भाग नहीं ले सकती, जबकि यह सभी कार्य 1 से 6 करोड़ तक की निविदा है यह बहुत बड़ा घोटाला है।

26 वर्ष की उम्र और 22 साल का वर्किंग अनुभव
मेसर्स पौराणिक ब्रदर्स द्वारा मोहम्मद शादाब कुरैशी को कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर अपना कर्मचारी बताया गया है, जिसकी उम्र 26 साल है और उसका अनुभव 22 साल का दिखाया गया है। कुरैशी का जन्म 1 जुलाई 1997 का है और उसे प्रोजेक्ट में 22 वर्ष का एक्सपीरियंस दिखाया गया है, ऐसे तमाम दस्तावेज मौजूद है, जिससे पता चलता है की किस तरह अधिकारियों को मिलीभगत पौराणिक ब्रदर्स से है और कमीशन का कैसा खेल छत्तीसगढ़ में चल रहा। तमाम नियम कानून को दरकिनार करके अपने चहेतों को काम देना ये कोई नई बात नहीं, पर इस काम का सीधा संबंध केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना से है जिसके हुए इस व्यापक भ्रष्टाचार पर कार्यवाही तो होनी ही है, फिर चाहे कुछ देर से ही सही।

पुराणिक ब्रदर्स को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए : मनीष पनवार
मेरे द्वारा उच्च स्तर पर पुराणिक ब्रदर्स के खिलाफ शिकायत की गई है सारी शिकायतों के विषय के पूरे दस्तावेज मेरे पास उपलब्ध है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव से मिलकर भी मैंने शिकायत पत्र दिया है, जिस पर जल्द से जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। ऐसे भ्रष्ट कंपनी को तत्काल कार्यवाही करते हुए ब्लैक लिस्टेड करना चाहिए।

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