राजनांदगांव। न्यौता भोजन की अवधारणा से बच्चों के फूड हैबिट में सकारात्मक परिवर्तन आया है। शासन के न्योता भोजन की पहल के कारगर परिणाम दिखाई दे रहे हैं। भोजन जब स्वादिष्ट व पौष्टिक हो और पढ़ाई करने के साथ-साथ ऐसा स्वादिष्ट व्यंजन मिले तो बच्चों में न केवल अध्ययन के प्रति रूचि बढ़ती है, बल्कि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। वहीं स्कूल जाने के लिए बच्चों में खुशी रहती है। ऐसी ही खुशी और मुस्कान दिखाई दे रही है, पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला डुन्डेरा एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डुन्डेरा के बच्चों के चेहरों पर। शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला डुन्डेरा में उनकी थाली में आज परोसा गया है, गरमा-गरम जलेबी, भजिया, बर्फी, पूड़ी एवं अन्य सुरूचिपूर्ण भोजन। विभिन्न व्यंजनों के साथ बच्चों ने दैनिक भोजन दाल, चावल, पापड़, आलूगोभी की सब्जी, सलाद का आनंद लिया। बच्चों ने प्रार्थना कर भोजन खाना प्रारंभ किया। भोजन करने के पहले बच्चों ने हैंडवाश किया और अपने साफ-सुथरे हाथों को दिखाकर अपनी खुशी जाहिर की। वहीं पीएमश्री स्कूल डुन्डेरा में बच्चों को दाल, चावल, सब्जी, पूड़ी, पापड़, फल एवं मिठाई दी गई। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डुंडेरा के अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि स्कूल में न्योता भोजन जनसहभागिता से अच्छी तरह संचालित हो रहा है। सहायक शिक्षक पीएमश्री प्राथमिक शाला डुंडेरा के राकेश चंद्रवंशी ने बताया कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत न्योता भोजन आयोजित किया जा रहा है। विशेष आयोजनों पर न्योता भोजन का आयोजन किया जा रहा है। शाला प्रबंधन समिति एवं पालकों द्वारा खासतौर पर जन्मदिन विभिन्न पर्व के अवसर पर न्योता भोजन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज समिति के अध्यक्ष प्रीतराम वर्मा की ओर से न्योता भोजन का आयोजन किया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए जनसहभागिता से न्योता भोजन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे अभिभावकों तथा समाज की सहभागिता एवं दायित्व स्कूलों के प्रति बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि न्योता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों व त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान दे सकते हैं। न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले मिड-डे मील का विकल्प नहीं है, बल्कि यह इसके अतिरिक्त है। दान दाताओं को न्योता भोजन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।