अभिव्यक्ति की आजादी को पेड न्यूज मानना उचित नहीं : कांग्रेस

अपने दोस्तों को शेयर करें :

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने लोकसभा निर्वाचन में समाचारो के लिए अपनाई जाने वाली कार्यवाही के परिपेक्ष में कहा कि लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशी के द्वारा आम सभाओं को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के विचारों, सिद्धांतों, योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने एवं विपक्षी दलों की नीतियों व असफलता को बताते है उसे पार्टी द्वारा समाचार पत्रों अवगत कराया जाता है, पत्रकारिता जगत द्वारा उन समाचारो को अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में स्थान दे या ना दे, उनकी निद्यपक्ष स्वतंत्रता पर निर्भर करता है जिसे पेड न्यूज की श्रेणी में मानकर नोटिस दिए जाने पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया है।
प्रदेश प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में स्वतंत्रता के अधिकार (अभिव्यक्ति की आजादी) सबको प्राप्त है, अपने उसी संवैधानिक अधिकार के तहत ही प्रत्याशी अपना संबोधन करते हैं और उनके द्वारा कहे गए वक्तव्य को लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया को अवगत कराया जाता है। समाचार प्रकाशित होने पर निर्वाचन आयोग द्वारा उन समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों को पेड न्यूज की श्रेणी में लाकर नोटिस दिया जा रहा है एवं व्यय खाते में जोड़ने का निर्णय लिया जा रहा है, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए उचित प्रतीत नहीं हो रहा है, क्योंकि भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी के तहत कही गई बातें अपनी नीति को जनता के समक्ष रखने के कार्य जिसमें ना भ्रामकता है और ना ही जीत के दावे हैं, ऐसी स्थिति में भी उसे पेड न्यूज नहीं माना जा सकता। अतः निर्वाचन आयोग को पेड न्यूज की श्रेणी की व्याख्या के संबंध में पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब प्रत्याशी अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का उपयोग भी करने से वंचित होवेगा, जो स्वस्थ पत्रकारिता एवं लोकतंत्र के लिए कदापि उचित नहीं होगा।

अपने दोस्तों को शेयर करें :